Saturday 21 December 2019

राजनीतिक अनबन में क्यों महिलाओं के गहनों के अपमान

हाल ही में दिनांक 18 दिसंबर को  हुए माखनलाल  चतु्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता  एवं संचार  विश्वविद्यालय (MCU) में ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ) के प्रदर्शन के दौरान कुलपति को " दीपक तिवारी एक काम करो चूड़ी पहन के डांस करो " के नारों से सम्बोधित किया गया  था उसके  बाद शिवराज मामा का रोड पर उतरना वो भी इस आवाज और पोस्टरों  के साथ की ' कमल नाथ एक काम करो चूड़ी पहन के डांस करो '
क्या यह स्त्री को बढ़ते भारत में नई  दिशा दिखाने का सही तरीका हैं..? 
एक तरफ आप बात करते हैं महिलाओं को आगे बढ़ाने की और साथ लेकर चलने की और उसके बाद सड़कों पर उतरते हैं और लोगों के सामने नारे लगते हैं  कि " चूड़ी पहन के डांस करे "
‌क्या है ये...? 
‌किस तरफ जा रही है आज कल की राजनीति...? 
‌किस तरह आप महिलाओं के गहनों का अपमान कर रहे हैं और क्या संकेत देना चाहते है आप इससे..?
‌क्या चूड़ियां कमजोर लोगों की निशानी हैं?
‌क्या बताना चाह रहे हैं आप इस नारे से कि चूड़ी कमजोर लोगों की निशानी हैं?21 वी सदी के इस भारत में क्या अब यही सुनना और देखना बचा था कि किस तरह आप आपसी राजनीति बहसो मे और और आपसी विचारो में पुरुष महिलाओं को निशाना कर रहे हैं और उनके गहनों का अपमान कर रहे हैं। क्या समझते है आप इस देश की महिलाओं को कि वो चूड़ियां पहनती हैं तो वो कमजोर है...?
‌वो चूड़ियां पहनती हैं तो कुछ कर नहीं सकती?
‌कैसे भूल सकते हैं आप ये की  देश की महिलाओं को जिन्होने पिछले कुछ सालों से और आज के वक्त अपने देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया, कही आपका गर्व होती हैं महिलाएं और कई जगह आपका गौरव बढ़ती है महिलाएं, फिर उनके साथ क्यों..? उनके गहनों का मज़ाक क्यों..? 
मैं किसी पार्टी कि पॉलिटिक्स को सपोर्ट नहीं करती किन्तु शिवराज मामा का इस तरह से महिलाओं के गहनों का अपमान करना और चूड़ियां का अपमान करना आज के इस मध्यप्रदेश को ग़लत संदेश देता है...आज की राजनीति इतने निचले स्तर की होती जा रही है इसकी कल्पना नहीं की थी।

Wednesday 16 October 2019

तु रुक नहीं

तु चल जरा तु थक मत...
तु ठहर गया तु रूक मत...
ये जिन्दगी हसिन हैं...
तु कुछ ख्वाब सजा...
अपनो को नहीं, 
तु अपने आपको जिन्दगी जिने का अहसास दिला ।