Monday 2 March 2020

RTI के माध्यम से किस तरह खोजी पत्रकारिता में आगे बढ़े ।


समाज को शिक्षित और देश को प्रगति की ओर ले जाने का सर्वश्रेष्ठ माध्य्म है लोगो मे जागरूकता लाना। समाज को करने में पत्रकारिता एवं पत्रकारों का अत्यधिक योगदान रहा है।
हम खोजी पत्रकारिता के माध्य्म से कैसे सही जानकारियां लोगो के सामने ला सकते है। किस तरह  प्रिंट और डिजिटल में हो रहे बदलाव और उससे उत्पन्न चुनोतियों का सामना कर सकते हैं। अपने विशेष साक्षात्कार के दौरान इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ पत्रकार एवम सीनियर एडिटर श्यामलाल यादव ने इन सब बिंदुओं पर अपने विचार व्यक्त किए। अपने विश्वविद्यालय के दिनों के अनुभव एवम अपने पत्रकारिता के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने अब तक दस हजार से भी अधिक RTI लगा कर जानकारी प्राप्त की है और लोगो को जागरूक किया है।
एशिया के पहले पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित पहले वसंत साहित्य उत्सव में विशेष अतिथि के तौर पर उन्होंने शिरकत की। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्तिथ माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रिय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय इस उत्सव में पूर्व विद्यार्थियों द्वारा लिखित किताबों की समीक्षा भी की गयी।
इस अवसर पर उनके द्वारा लिखित किताब आर.टी .आई थ्रू जॉर्नलिस्म (RTI through Journalism )की भी समीक्षा की गयी।  विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के डिजिटल पत्रकारिता पाठ्यक्रम द्वारा साक्षात्कार श्रृंखला 'डिजी टॉक' में श्री श्यामलाल यादव से बात की नेहल यादव ने।Like share and subscribe 🤝

Saturday 21 December 2019

राजनीतिक अनबन में क्यों महिलाओं के गहनों के अपमान

हाल ही में दिनांक 18 दिसंबर को  हुए माखनलाल  चतु्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता  एवं संचार  विश्वविद्यालय (MCU) में ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ) के प्रदर्शन के दौरान कुलपति को " दीपक तिवारी एक काम करो चूड़ी पहन के डांस करो " के नारों से सम्बोधित किया गया  था उसके  बाद शिवराज मामा का रोड पर उतरना वो भी इस आवाज और पोस्टरों  के साथ की ' कमल नाथ एक काम करो चूड़ी पहन के डांस करो '
क्या यह स्त्री को बढ़ते भारत में नई  दिशा दिखाने का सही तरीका हैं..? 
एक तरफ आप बात करते हैं महिलाओं को आगे बढ़ाने की और साथ लेकर चलने की और उसके बाद सड़कों पर उतरते हैं और लोगों के सामने नारे लगते हैं  कि " चूड़ी पहन के डांस करे "
‌क्या है ये...? 
‌किस तरफ जा रही है आज कल की राजनीति...? 
‌किस तरह आप महिलाओं के गहनों का अपमान कर रहे हैं और क्या संकेत देना चाहते है आप इससे..?
‌क्या चूड़ियां कमजोर लोगों की निशानी हैं?
‌क्या बताना चाह रहे हैं आप इस नारे से कि चूड़ी कमजोर लोगों की निशानी हैं?21 वी सदी के इस भारत में क्या अब यही सुनना और देखना बचा था कि किस तरह आप आपसी राजनीति बहसो मे और और आपसी विचारो में पुरुष महिलाओं को निशाना कर रहे हैं और उनके गहनों का अपमान कर रहे हैं। क्या समझते है आप इस देश की महिलाओं को कि वो चूड़ियां पहनती हैं तो वो कमजोर है...?
‌वो चूड़ियां पहनती हैं तो कुछ कर नहीं सकती?
‌कैसे भूल सकते हैं आप ये की  देश की महिलाओं को जिन्होने पिछले कुछ सालों से और आज के वक्त अपने देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया, कही आपका गर्व होती हैं महिलाएं और कई जगह आपका गौरव बढ़ती है महिलाएं, फिर उनके साथ क्यों..? उनके गहनों का मज़ाक क्यों..? 
मैं किसी पार्टी कि पॉलिटिक्स को सपोर्ट नहीं करती किन्तु शिवराज मामा का इस तरह से महिलाओं के गहनों का अपमान करना और चूड़ियां का अपमान करना आज के इस मध्यप्रदेश को ग़लत संदेश देता है...आज की राजनीति इतने निचले स्तर की होती जा रही है इसकी कल्पना नहीं की थी।

Wednesday 16 October 2019

तु रुक नहीं

तु चल जरा तु थक मत...
तु ठहर गया तु रूक मत...
ये जिन्दगी हसिन हैं...
तु कुछ ख्वाब सजा...
अपनो को नहीं, 
तु अपने आपको जिन्दगी जिने का अहसास दिला ।

Thursday 27 September 2018



jindgi smudra ki ek muthi ret ki tarah hoti hain...
jindgi me har koi samudra ke pani ki tarah hota hain...
jisme hazaro pareshaniya aati he,
jisme hazaro rukawte ati hain...
or ek samay ke bad wo chali jati hain...
bs fark hota  hain aap use kaise dekhte hain...
fark hota hain us thahre hue pani me aap kaise ret ko fisalne se rok sakte hain...

ager hum bat kare ret ki to wo humri jindgi ka waqt hain..
jo koi bhi paritithi me  humara hota hain
or hum us waqt ka apni jindgi me kaise upyog karte hain..
wo humare uper hota hain...
samudre me bah jate hain....ya pareshaniyo ke sath
ya pareshaniyo ka samna karte???

Wednesday 20 April 2016

LIFE

  • No matter how much it hurts now one day you will look back and realize it changed your life for the better...